कितने लोग असमय चले गए। जिन्होंने अभी जिंदगी की शुरुआत ही कि थी। कितने लोग असमय चले गए। जिन्होंने अभी जिंदगी की शुरुआत ही कि थी।
कारख़ानों का कचरा मेरे जल में गिरने लगा यह जल दूषित हो गया। कारख़ानों का कचरा मेरे जल में गिरने लगा यह जल दूषित हो गया।
उनके अनुसार कीमती फ्लैट मजदूरों की वज़ह से खराब हो जाने का भय था। उनके अनुसार कीमती फ्लैट मजदूरों की वज़ह से खराब हो जाने का भय था।
आजकल दवाइयाँ भी तो नकली बन जाती हैं।" आजकल दवाइयाँ भी तो नकली बन जाती हैं।"